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11 लेखनी आधे अधूरे मिसरे -प्रसिद्ध पंक्तियाँ काब्य प्रतियोगिता-09-Jul-2023 रंग चढ़ा इश्क का या

शीर्षक:- रंग चढ़ा इश्क का या खुमारी छाई है।


रंग चढ़ा इश्क का या खुमारी छाई है।
मेरे महबूब ने इश्क की अलख जगाई है।।
मैने आज की रात को देखा था एक ख्वाब।
मैं महबूब से मिलने को होरहा  था वेताब।।
मुझ पर रंग चढ़ा  इश्क वह धुल नहीं सकता।
मैं महबूब से बिना मिले जिन्दा कैसे  सकता।।
मेरे महबूब अब तू भी  मेरे ही रंग में रंग ले।
मेरी रंगी चुंदरिया तू अपने सिर पर धर ले।।
मैं महबूब से मिलने घर से छिपकर आया हूँ।
मैं तुझे अपने इश्क के रंग में रंगने आया हूँ।।


आधे अधूरे मिसरे/प्रसिद्ध पंक्तियाँ प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश शर्मा "पचौरी"





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1 Comments

Punam verma

24-Jul-2023 02:31 PM

Very nice

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